फेसबुक के बारे में अनेक रोचक तथ्य..

फेसबुक के बारे में 25 रोचक तथ्य..

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फेसबुक, मानो तो आज की सबसे अहम जरूरत। कई लोग तो अपना पूरा दिनफेसबुकमें ऑनलाइन रहते हुए बिता सकते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गई है। हम आस-पास ऐसे लोग भी देखते है जो फेसबुक के बिना नही रह सकते। फेसबुक की शुरूआत आज ही के दिन 4 फरवरी 2004 को की गई थी। आप चाहे Daily Facebookuse करते हो लेकिन हम फेसबुक से जुड़े ऐसे रोचक तथ्य(Facebook in Hindi) बताएंगे जो आपको Facebook पर भी मिलने मुश्किल हैं.

1. मार्क जुकरबर्ग को सैलरी के तौर हर साल एक डॉलर मिलता है।
2. Facebook वेबसाइट सिर्फहिंदीऔर इंग्लिश और कुछ चुनिंदा भाषाओं में ही नहीं Facebook पेज को यूजर्स अपनी सुविधा के हिसाब से 70 अलग-अलग भाषाओं में ट्रांसलेट कर सकते हैं।
3. फेसबुक के नीले रंग में रंगे होने के पीछे सीधा-सा कारणहै। इसके फाउंडर मार्क जुकरबर्ग का कलर ब्लाइंड होना। उन्हें हरे और लाल रंग में अंतर पता नही लगता।
4. Facebook की प्राइवेसी सेटिंग्स के कारण हर यूजर को ब्लॉक करने की सुविधा दी गई है, लेकिन ध्यान देने वाली बातये है कि आप चाहें तो भी Facebook से मार्क जुकरबर्ग को ब्लॉक नहीं कर सकते हैं। अगर आप ऐसा करने की कोशिश करेंगेतो Facebook की तरफ से एक एरर मैसेज दिखेगा।
5. Facebook पर 83 प्रतिशत वेश्याओं केफैन पेजबने हुए हैं।
6. अगर आप Facebook अकाउंट लाॅग इन करके Internet पर कोई और काम करते है तो भी Facebook आपकी सभी गतिविधी रिकार्ड कर रही है।
7. मार्क ने Facebook के ‘लाइक’ (Like) बटन का नाम पहले ‘ऑसम’ (Awesome) रखने का डिसीजन लिया गया था। लेकिन मार्क की किसी ने एक न सुनी।
8. Facebook पर कई फीचर्स की तरह एक Poke भी है। लेकिन अगर आप किसी से इसका मतलब पूछेंगे तो शायद ही कोई इसका मतलब बता पाए। क्योंकि खुद फेसबुक ने भी इसका कोई मतलब याइसका काम तय नहीं किया है। लेकिन इसका ज्यादा प्रयोग करनेपर आप ब्लाॅक हो सकते है।
9. सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन पूरी दुनिया में जितने लोग इंटरनेट पर हैं उनमें से पचास प्रतिशत लोग Facebook से जुड़े हुए हैं।
10. अगर Facebook का Server Down हो जाए तो इसे हर मिनट 25 हजार डॉलर का नुकसान होगा।
11. Yahoo व MTV ने एक करोड़ डॉलर में इस साइट को खरीदना चाहा तो मार्क ने कहा? पहले मैं सूचना आदान-प्रदान का खुला वैश्विक प्लेटफॉर्म बना लूं फिर मुनाफे के बारे में विचार करूंगा।
12. शायद आपको यह जानकर हैरानी हो लेकिन Facebook का एडिक्शन एक बीमारी का रूप लेता जा रहा है। दुनियाभर में हर उम्र के लोग Facebook एडिक्शन डिसऑर्डर यानी Facebook की लत से जूझ रहे हैं। इस बीमारी का संक्षिप्तनाम FAD है। इस वक्त दुनिया में लगभग 35 करोड़ लोग FADसे ग्रसित हैं।
13. यदि फेसबुक एक देश होता तो दुनिया में यह पांचवां सबसे बड़ा देश होता जिसका नंबरचीन, भारत, अमेरिका, और इंडोनेशिया के बाद आता।
14. Facebook पर रोजाना 6 लाख के करीब हैकर्स अटैक होते है।
15. दिसम्बर 2009 में Facebook ने privacy setting में कुछ बदलाव किये थे जिसके बाद जुकरबर्ग की एक तस्वीर जिसमे वह टेडी बीअर पकडे हुए है पब्लिक हो गयी थी।
16. Facebook हर महीने 3 करोड़ डॉलर सिर्फ hosting पर ही खर्च करता है
17. 2009 मेंWhatsappके को-फाउंडर ब्रायन ऐक्टन को Facebook ने जॉब देने से मना कर दिया था।
18. 2011 में अमेरिका में Facebook तलाक का सबसे बड़ाकारण बनी थी। अमेरिका में हर 5 में से एक शादी के टूटने कीवजह कहीं ना कहीं फेसबुक से जुड़ी रहती है।
19. शायद आपको ना पता हो, लेकिन Facebook ग्लोब (नोटिफिकेशन टैब) यूजर्स की लोकेशन के हिसाब से बदल जाती है।
20. फेसबुक प्रोफाइल पर मार्क जुकरबर्ग के पेज तक पहुंचने का एक खास शॉर्टकट भी है। अगर आप Facebook के URL के आगे नंबर 4 लिख देंगे तो आपका ब्राउजर सीधे मार्कजुकरबर्ग के पेज तक ले जाएगा।
21. 2011 में Facebook की मदद से ही Iceland का संविधान लिखा गया था।
22. आपने जिस डाटा को Facebook पर टाइप तो किया लेकिन उसे कभी पोस्ट नहीं किया क्या आप सोच सकते हैं कि उस डाटा को कोई कभी पढ़ सकता है। जी हां, Facebook ने एक स्पेशल टीम बनाई है जो ऐसे डाटा को एनालाइज करती है जो आपने टाइप तो किया लेकिन कभी पोस्ट नहीं किया।
23. अगर आपको घर बैठे-बैठे पैसे कमाने हैं तो Facebook को हैक कर लीजिए। जी हाँ, 500 डॉलर्स की राशि हर उस इंसान को दी जाती है जो फेसबुक को हैक कर सके। अगर आप Facebookकी किसी गलती को भी पकड़ लेते हैं तो भी आप इनाम के हकदार होंगे।
24. 5% ब्रिटिश सेक्स करते समय भी Facebook यूज करते है।
25. इस वक़्त Facebook पर 30 मिलियन मरे हुए लोग है ! यदि किसी Facebook user कि मृत्यु हो जाती है तो क्या उसकी फेसबुक प्रोफाइल ऐसे ही चलती रहती है ? जी नहीं ! यदिहमारी जान पहचान में किसी कि मृत्यु हो जाति है तो हम Facebook को रिपोर्ट कर उस प्रोफाइल को फेसबुक पर एक स्मारक(memorialized account)का रूप दिलवा सकते ह.!!


Facebook के पड़ने वाले बुरे प्रभाव
 Bad Effects Of Facebook on you।।

आज का युग internet का युग है और internet के इस युग में दुनिया के सबसे बड़े social media यानि फेसबुक का बोलबाला है। आज कोई व्यक्ति जब internet इस्तेमाल करना शुरू करता है तो ब्राउज़र का इस्तेमाल करना भले ही ना सीखे पर फेसबुक का profile पहले बनाता है। यहाँ तक कि अगर कोई खुद profile नहीं बना सकता तो वो दूसरों से अपना profile बनवाता है।फेसबुक हमारे लिए काफी उपयोगी है, इसके द्वारा मित्र-रिश्तेदारों से कम्यूनिकेट करना बहुत ही आसान हो जाता है।मैं पहले भी लिख चुका हूँ किफेसबुक के लिए उसके users यानि आप उसके उत्पाद हैं। आप जो भी एक्टिविटी फेसबुक पर करते हैं वो सब लाॅग होती रहती है और फेसबुक इनका प्रयोग आपको समझने और आपके भविष्य की एक्टिविटीज जानने केलिए करता है। तथा इसी जानकारी की मदद से वो प्रचारकों को लुभाता है।फेसबुक के प्रयोग से आपको बहुत से नुकसान भी होते हैं, जिनसे हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए। अब किसी भी खतरे से निबटने के लिए पहलेहमें उन खतरों को पहचानना पड़ता है। इसलिए पहले यहाँ दिए गए फेसबुक के बुरे प्रभावों को जानिये और देखिये आप पर कौन से बुरे प्रभावों का असर हो रहा है। उसके बाद उन बुरे प्रभावों निपटने के उपाय कीजिये।


1.फेसबुक समय व्यर्थ करता है– मित्रों संस्कृत में एक श्लोक है “अति सर्वत्र वर्जयेते” यानि अति किसी भी काम में नहीं करनी चाहिए। लेकिन बहुत से लोग अपना बहुत सा कीमती समय फेसबुक पर बिताते हैं जिससे उनके अन्य जरूरी काम पूरे नहीं हो पाते। खासकर स्टूडेंट्स के ऊपर तो फेसबुक का बहुत असर पड़ता है और इसके ज्यादा इस्तेमाल से उनकी पढाई पर बुरा असर होता है। लोग मिनट-मिनट मेंफेसबुक चेक करते हैं और अपना समय बर्बाद करते हैं।

2.Facebook आपको डिप्रेश करता है– जी हाँ मित्रों फेसबुक और फेसबुक friends आपके सामने ऐसा माहौल बना देते हैं जिससे आपको डिप्रेशन हो सकता है। फेसबुक पर लोग हमेशा अपनी achievements को ही share करते हैं।अब अगर आपके फेसबुक पर सैकड़ों friends हैं तो रोज कोई न कोई friend अपनी कुछ न कुछ achievement जैसे कोईनयी purchase या कोई tour या कोई event की फोटो या स्टेटस share करता है। इसकी वजह से आपको ऐसा लगता है जैसे हर कोई आपसे काफी अधिक खुश और अच्छी स्थिति में है।पर असल में भी ऐसा ही हो ये जरूरी नहीं। क्योकि जब लोग समस्याओं से जूझ रहे होते हैं या फिर उनके साथ कुछ बुरा होताहै तो अक्सर वो ये बातें फेसबुक पर पोस्ट नहीं करते। इससे फेसबुक पर एक प्रकार का bias पैदा हो जाता है जहाँ हर कोई खुश नजर आता है। और जब आप अपनी असली जिंदगी की तुलना फेसबुक पर उपलब्धइन ख़ुशी भरी posts से करते हैं तो आपको लगता है कि आप अन्य लोगों की तुलना में ग़रीब, दुखी हैं और आपके जीवन में कुछ exiting नहीं हो रहा है।इन बातों से आप समझ गए होंगे कि फेसबुक किस प्रकार ऐसा माहौल बनता है जो आपको डिप्रेशन में ले जा सकता है।

3.फेसबुक पर चीटिंग और फ्रॉड का खतरा रहता है– फेसबुक internet के माध्यम से चलता है जहाँ पर हर एक व्यक्ति की असलियत को verify करना संभव नहीं है। ऐसे में हम उनके द्वारा दी गयी जानकारी को ही सही मानकर चलते हैं इससे ऐसे लोगों पर भरोसा करना हमें काफी भरी पड़ सकता है।हालांकि फेसबुक की टर्म्स एंड पॉलिसीस में अपने बारे में गलत जानकारी देना allowed नहीं है पर इसको फेसबुक verifyनहीं कर सकता।ऐसी स्थिति में फेसबुक परफ्रॉड की खबरें अक्सर अखबारों में आती रहती हैं। इसके अलावा फेसबुक पर share की गयी जानकारियों की सत्यता प्रमाणित करना भी मुश्किल होता है और इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग फेसबुक पर झूठ फैलाते रहते हैं।

4.फेसबुक से छात्रों का रिजल्ट खराब होताहै– फेसबुक के अधिक इस्तेमाल से छात्रों की पढाई पर बुरा असर होता है। खासकर फेसबुक notifications और messenger पर chat रिक्वेस्ट से पढ़ाई बहुत डिस्टर्ब होती है और उनका रिजल्ट खराब हो जाता है।

5.फेसबुक से आपका स्वास्थ्य खराब होता है– फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वाले दिन भर अपने मोबाइल या ल[पटप से चिपके रहते हैं जिससे उनकी physical एक्टिविटीज कम हो जाती हा जो आपके हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है।

6.फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वालों कोमौत का भी खतरा रहता है– जो लोग फेसबुकपर अजीब अजीब और खतरनाक जगहों की selfieपोस्ट करते रहते हैं उनकी इन खतरनाक जगहों पर selfie लेने के चक्कर में जान जाने का भी खतरा बना रहता है। selfie डेथ की ख़बरें आए दिन अखबारों में छपती रहती हैं।

7.फेसबुक आपको internet से अलग कर देता है– जी हाँ फेसबुक भले ही internet पर ही चलता है पर इसके features आपको internet का इस्तेमाल ना कर फेसबुक पर ही रहने के लिए बाध्य कर देते हैं जिससेआप internet पर अन्य एक्टिविटीज करने के बजाय फेसबुक तक ही सिमित रह जाते हैं। और फेसबुक में जो share हुआ, जो न्यूज़ आयी, जो विडियो आया वही देखकर जानकारी जुटाते हैं। इस प्रकार आप internet के इस्तेमाल का पूरा फायदा नहीं उठा पाते।

8.Facebook आपकी भावनाओं के साथ खिलवाड़कर सकता है– कुछ समय पहले फेसबुक ने एकexperiment किया था जब उन्होंने लोगों के फेसबुक फीड में आने वाले posts को फ़िल्टर किया। यानी किसी को सिर्फ अच्छी खबरों वाले posts दिखाए और किसी को सिर्फ बुरी खबरों वाले posts। इसके बाद इन लोगों पर होने वालेप्रभाव को देखा गया। इस प्रयोग से यह स्पष्ट हो गया की फेसबुक पर जिस प्रकार की posts ज्यादा आती हैं लोगों का मूड भी वैसा ही हो जाता है।मतलब फेसबुक हमारी भावनाओं को बदल सकताहै। यह स्थिति किसी भी समाज के लिए ठीक नहीं होती। क्योंकि यह फेसबुक को एक ऐसी शक्ति दे देती है जो लोगों का काफी नुक्सान कर सकती है। इसलिए फेसबुक का प्रयोग देश के दुश्मन प्रोपेगैंडा फ़ैलाने के लिए भी कर सकते हैं।आप थोड़ा ध्यान से देखेंगे तो आप को समझ में आयेगा की यह प्रोपेगैंडा वार फेसबुक पर चल रहा है और इस के लिए लोग आपस में भी लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं।लोगों को लगता है की वे समाज के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं लेकिन दरअसल लोग इस प्रोपेगैंडा वार के मोहरे बन कर रह जाते हैं।

9.False sense of activism– फेसबुक परअक्सर लोग समाज में फैली कुरीतियों को लेकर काफी अच्छे कमेन्ट करते हैं और किन्ही घटनाओं के समर्थन या विरोध में अपना dp चेंज करते हैं। इससे उन्हें लगता है की वो समाज में कोई पॉजिटिव चेंज लाने वाले हैं। पर कुछ मामलों को छोड़कर जायदातर आपके इन कमेंट्स या dp चेंज करने से कोई फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ आपका और आपके अपनों का समय बर्बाद होता है। इस तरह से समाज सुधारक बनाने के चक्कर में लोग अक्सर प्रोपेगैंडा वार के मुहरे बन कर रह जाते हैं।

10.फेसबुक offices में employees की productivity को कम कर देता है– फेसबुक जब शुरू में आया था तो स्मार्टफोन नहीं थे और मोबाइल internet का भी प्रचालन बहुत काम था। जब आप फेसबुक यूज़ करना चाहते थे तो आपको डेस्कटॉप या लैपटॉप पर बैठ कर इसे उसे करना पड़ता था।इस वजह से कम्पनियाँ ऑफिस टाइम में आपके फेसबुक के प्रयोग को बंद या सिमित कर सकती थीं।पर आज स्मार्ट फोन और मोबाइल internetके जमाने में यह काम असंभव सा हो गया है। आज लोग ऑफिस में भी अपने मोबाइल पर फेसबुक का इस्तेमाल करते रहते हैं इससे उनका काम का समय बर्बाद होता है और उनकी प्रोडक्टिविटी काम हो जाती है।मित्रों इस तरह आप देखते हैं कि फेसबुक के इस्तेमाल से हमें क्या क्या नुकसान होते रहतेहैं। आपको ऐसा लग सकता है कि ये नुकसान केवल फेसबुक का अधिक इस्तेमाल करने वालों को ही होता है पर ऐसा नहीं है।फेसबुक का इस्तेमाल अगर आप प्रतिदिन 10 मिनट भी करते हैं तो भी आपको इसमे से कुछ नुकसान जैसे डिप्रेशन आदि हो सकते हैं।


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Home » MATHEMATICS , Simplification , गणित (Mathematics) , सरलीकरण (Simplification) » सरलीकरण (Simplification) ➩ बोडमास(BODMAS) नियम :
सरलीकरण (Simplification) ➩ बोडमास(BODMAS) नियम :-
BODMAS को समझने से पहले कोष्ठक के प्रकार और नियम को समझना बहुत जरूरी है 
कोष्ठक (Brackets)
गणित के समीकरणों में सामान्यतः चार प्रकार के कोष्ठकप्रयोग होते हैं जिनको हल करने के लिए निम्लिखित क्रम का प्रयोग करते हैं :-
i)        —     = रेखा कोष्ठक (Line Bracket)
ii)      (   )    = छोटा कोष्ठक  (Simple or Small Bracket)
iii)     {   }    = मझला कोष्ठक (Curly Bracket)
iv)     [    ]    = बड़ा कोष्ठक (Square Bracket)
नोट:1  इनको इसी क्रम में तोड़ते हैं
नोट:2 यदि कोष्ठक के पहले ऋण चिन्ह होतो तोड़ने पर अन्दर के सभी चिन्ह + और - चिन्ह परस्पर बदल जाते हैं 
नोट:3 कोष्ठक वाले समीकरणों को हल करने के लिए  BODMAS नियम का पालन किया जाता है -
बोडमास(BODMAS) नियम :-
गणित विषय में बोडमास(BODMAS) नियम किसी भी बहु-संक्रिय(multiple operation) सवाल को हल करने काक्रम(Order of operation) निर्धारित करता है। किसी दिए गए व्यंजक को सरल करने के लिए निम्नलिखित क्रम में क्रिया की जाती है.
BODMAS का निम्नलिखित अर्थ होता है
       अतः    B  =  Bracket (कोष्ठक)
                    O  =  Of (का)
                    D  =  Division (भाग)
                     =  Multiply (गुणा)
                    A  =  Addition (जोड़)
                    S   =  Subtraction (घटाना)

हल करते समय इनको इसी क्रम में हल करते हैं अर्थातसबसे पहले कोष्ठक(Bracket), फिर का(Of), फिर भाग(Division), फिर गुणा(Multiply), फिर जोड़(Addition), अंत में घटाव(Subtraction) करते हैं 
tags #BODMASS #BRACKETS #SSCCGL

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